V Narayanan का नाम सुनते ही आंखों के सामने एक ऐसा चेहरा आता है जो विज्ञान के साथ साथ देश की उम्मीदों का भी प्रतीक बन चुका है। वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी ISRO के चेयरमैन हैं और उन्होंने भारत को स्पेस की दुनिया में एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया है।
शुरुआत छोटे शहर से लेकिन सपना बहुत बड़ा था
V Narayanan का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और विज्ञान में गहरी दिलचस्पी के कारण ISRO से जुड़ गए। उनके जीवन का सफर एक छोटे शहर से शुरू हुआ लेकिन उनका सपना हमेशा आसमान को छूने का था।
ISRO में दिखाया कमाल और बनाए नए रिकॉर्ड
नारायणन ने ISRO में प्रोपल्शन टेक्नोलॉजी यानी रॉकेट इंजन निर्माण में खास योगदान दिया है। वे लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर के डायरेक्टर भी रह चुके हैं। उनकी मेहनत से ही भारत ने PSLV और GSLV जैसी लॉन्चिंग तकनीक में दुनिया भर में पहचान बनाई है।
चंद्रयान और गगनयान में निभाई बड़ी भूमिका
भारत के चंद्रयान मिशन और गगनयान मिशन में V Narayanan की भूमिका बेहद अहम रही है। वे तकनीक से जुड़े हर हिस्से पर बारीकी से काम करते हैं। उन्होंने हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि भारत का हर मिशन सटीक हो और दुनिया को चौंका दे।
विज्ञान के साथ विनम्रता का अनोखा मेल
V Narayanan सिर्फ एक वैज्ञानिक नहीं बल्कि एक सच्चे नेता भी हैं। वे नई पीढ़ी के वैज्ञानिकों को लगातार प्रेरित करते रहते हैं। उनका व्यवहार बेहद सरल है लेकिन काम के प्रति उनका समर्पण जबरदस्त है। यही वजह है कि वे आज देश के सबसे भरोसेमंद चेहरों में गिने जाते हैं।