World Environment Day 2025: प्लास्टिक प्रदूषण पर बड़ा हमला 2025 में कैसे छोटे-छोटे कदम बदल सकते हैं पूरी दुनिया

World Environment Day 2025: प्लास्टिक प्रदूषण पर बड़ा हमला 2025 में कैसे छोटे-छोटे कदम बदल सकते हैं पूरी दुनिया

World Environment Day 2025: हर साल 5 जून को पूरी दुनिया में ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ मनाया जाता है। यह दिन पर्यावरण की रक्षा और जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से समर्पित होता है। 2025 में यह दिन और भी खास हो गया है क्योंकि इस वर्ष का थीम है “हमारी धरती हमारी ज़िम्मेदारी”। यह थीम लोगों को यह समझाने के लिए रखी गई है कि पर्यावरण सिर्फ सरकारों या संगठनों की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि हर इंसान का व्यक्तिगत कर्तव्य है।

2025 की थीम और उसका संदेश

इस साल का मुख्य फोकस है – प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करना और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना। दुनियाभर में प्लास्टिक की वजह से नदियाँ झीलें और समुद्र गंदे हो रहे हैं। जीव-जंतु प्लास्टिक निगल रहे हैं जिससे उनकी जान जा रही है। इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने इस वर्ष की थीम में लोगों से अपील की है कि वे ‘Reduce-Reuse-Recycle’ को अपनी जीवनशैली में अपनाएं।

भारत में पर्यावरण दिवस 2025 की तैयारी

भारत सरकार ने इस साल पर्यावरण दिवस को राष्ट्रीय स्तर पर बड़े पैमाने पर मनाने का निर्णय लिया है। सभी स्कूलों कॉलेजों और संस्थानों में पौधारोपण अभियान चलाया जा रहा है। इसके अलावा सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर सख्ती से रोक लगाने के लिए नए कानून लाए गए हैं। दिल्ली मुंबई लखनऊ और भोपाल जैसे शहरों में जागरूकता रैलियाँ निकाली गईं और छात्रों को ‘ग्रीन वारियर्स’ के रूप में प्रशिक्षित किया गया।

बदलाव लाने के छोटे लेकिन असरदार कदम

पर्यावरण को बचाने के लिए हमें कोई बड़ा त्याग नहीं करना बल्कि अपने रोजमर्रा के जीवन में छोटे-छोटे बदलाव लाने की ज़रूरत है। जैसे प्लास्टिक की थैली की जगह कपड़े का झोला ले जाना। टूथब्रश और पानी की बोतल प्लास्टिक के बजाय बांस या स्टील की लेना। खाना पैक करने के लिए एल्यूमिनियम फॉयल की जगह पत्तों या बॉयोडिग्रेडेबल पैकिंग का इस्तेमाल करना। यह छोटे कदम मिलकर एक बड़ा असर पैदा करते हैं।

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युवाओं की भूमिका सबसे अहम

2025 में युवाओं को पर्यावरण रक्षा की दिशा में बड़ी भूमिका निभाने का अवसर मिला है। सोशल मीडिया के माध्यम से लाखों युवाओं ने ‘#GoGreenChallenge’ में भाग लिया है। इस अभियान में एक पौधा लगाना उसकी देखभाल करना और उसकी फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करना शामिल है। युवाओं ने स्कूल कॉलेजों और मोहल्लों में जाकर पर्यावरण संरक्षण के बारे में जानकारी दी और लोगों को जागरूक किया।

निष्कर्ष: प्रकृति को दें प्रेम का तोहफ़ा

विश्व पर्यावरण दिवस केवल एक दिन नहीं बल्कि हमें याद दिलाने का अवसर है कि हमारी धरती पर जीवन तभी सुरक्षित है जब हम उसका ध्यान रखें। पेड़ लगाना पानी बचाना और प्रदूषण कम करना सिर्फ सरकारी अभियान नहीं बल्कि हर इंसान की जिम्मेदारी है। अगर हम आज एक बीज बोते हैं तो आने वाली पीढ़ियाँ एक हरी-भरी छांव में सांस ले पाएंगी।