Kailash Temple: भारत को मंदिरों का देश कहा जाता है। यहां हर कुछ किलोमीटर पर छोटे-बड़े मंदिर दिखाई देते हैं। लोग भगवान की भक्ति और मन की शांति के लिए मंदिर जाते हैं। यही कारण है कि मंदिर भारत की संस्कृति और गौरव का प्रतीक बन गए हैं। कुछ मंदिरों को इतिहास में कई बार तोड़ने की कोशिश की गई लेकिन फिर भी वो आज मजबूती से खड़े हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही अद्भुत शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे पहले हवा में बनाया गया था और फिर ज़मीन पर उतारा गया।
कौन-सा है ये अनोखा शिव मंदिर?
ये मंदिर महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित है और इसे कैलाश मंदिर के नाम से जाना जाता है। ये मंदिर एक ही पत्थर को काटकर बनाया गया है। इसे बनाने में 18 साल का समय लगा और इसे राष्ट्रकूट वंश के राजा कृष्णा प्रथम ने 756 से 773 ईस्वी के बीच बनवाया था। कहते हैं कि राजा बीमार हो गए थे और रानी ने भगवान शिव से प्रार्थना की थी कि अगर राजा ठीक हो गए तो एक भव्य मंदिर बनवाया जाएगा। राजा के स्वस्थ होते ही इस मंदिर का निर्माण शुरू किया गया। सबसे पहले जिस पहाड़ को काटा गया उसे ‘यू’ शेप में काटा गया और इसमें से करीब दो लाख टन पत्थर निकाला गया। ये दुनिया की सबसे बड़ी हाथ से बनी संरचना मानी जाती है जो एक ही चट्टान से बनी है।
औरंगज़ेब ने भी की थी तोड़ने की कोशिश
मुगल शासक औरंगज़ेब ने इस मंदिर को तोड़ने की कोशिश की थी लेकिन उसे इसमें सफलता नहीं मिली। इतिहासकार बताते हैं कि औरंगज़ेब ने 1000 मज़दूर भेजे थे जो लगातार तीन साल तक इस मंदिर को तोड़ने की कोशिश करते रहे लेकिन वो सिर्फ 5 प्रतिशत हिस्सा ही नुकसान पहुंचा पाए। इस घटना से साबित होता है कि मंदिर की बनावट कितनी मजबूत थी और किस तरह से इसे किसी भी कोशिश से गिराया नहीं जा सका। हालांकि मंदिर को कुछ मामूली नुकसान ज़रूर हुआ लेकिन उसकी भव्यता आज भी वैसी की वैसी बनी हुई है।
आज भी हजारों श्रद्धालु करते हैं दर्शन
करीब 2000 साल पहले बना ये मंदिर आज भी अपने वैभव और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां भगवान शिव के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इसकी सुंदर कलाकारी और स्थापत्य कला को देखकर हर कोई हैरान रह जाता है। मंदिर की दीवारों और खंभों पर की गई नक्काशी आज भी वैसी ही नजर आती है जैसी उस दौर में बनाई गई थी। ये मंदिर न सिर्फ धार्मिक आस्था का केंद्र है बल्कि भारत के इतिहास और निर्माण कला की एक बेमिसाल मिसाल भी है।