तिब्बती बौद्ध धर्मगुरु Dalai Lama आज एक बड़ा ऐलान कर सकते हैं। यह ऐलान धर्मशाला के मैक्लोडगंज में होगा जहां दलाई लामा वर्षों से रह रहे हैं। बताया जा रहा है कि वे 6 जुलाई को अपने 90वें जन्मदिन से पहले 15वें दलाई लामा यानी अपने उत्तराधिकारी का नाम घोषित कर सकते हैं। यह फैसला न सिर्फ तिब्बती बौद्ध अनुयायियों के लिए ऐतिहासिक होगा बल्कि चीन के लिए चिंता का कारण भी बन गया है। दरअसल चीन चाहता है कि दलाई लामा का उत्तराधिकारी उसकी निगरानी में चुना जाए लेकिन दलाई लामा पहले ही साफ कर चुके हैं कि उनका उत्तराधिकारी चीन से बाहर का ही होगा।
क्यों चीन हो रहा है परेशान
Dalai Lama की यह मंशा चीन के मंसूबों पर पानी फेरने वाली है क्योंकि चीन वर्षों से इस पद पर नियंत्रण पाना चाहता है। चीन की कोशिश है कि अगला दलाई लामा उसकी सहमति और अनुमति से चुना जाए ताकि तिब्बती लोगों की आस्था को भी नियंत्रण में रखा जा सके। लेकिन दलाई लामा ने पहले ही साफ कर दिया था कि उनका उत्तराधिकारी तिब्बत या चीन से नहीं बल्कि किसी स्वतंत्र देश से होगा। इसीलिए चीन के कान खड़े हो गए हैं। यह फैसला तिब्बती संस्कृति की स्वतंत्रता और धर्म के प्रति लोगों की आस्था को फिर से मजबूत करेगा।
क्या होता है दलाई लामा और कैसे चुना जाता है
तिब्बती बौद्ध धर्म में Dalai Lama का मतलब होता है – ‘ज्ञान का महासागर’। यह केवल एक व्यक्ति नहीं होता बल्कि एक आत्मा का पुनर्जन्म होता है। ऐसा माना जाता है कि दलाई लामा पुनर्जन्म लेते हैं और हर बार अपने पिछले जन्म की आत्मा के रूप में नए शरीर में आते हैं। तिब्बत में खास तौर पर धार्मिक गुरुओं और ज्योतिषियों की एक टीम उस नवजात बच्चे की खोज करती है जिसमें पिछले दलाई लामा की आत्मा की पहचान मिलती है। इसमें कई रहस्यमयी विधियों और परंपराओं का उपयोग किया जाता है। पिछले 600 वर्षों से इसी परंपरा का पालन हो रहा है।
अब तक कौन-कौन बने हैं दलाई लामा
ब्रिटैनिका के अनुसार, पहले दलाई लामा का नाम गेडुन ड्रूप था जिन्हें यह उपाधि मृत्यु के बाद दी गई थी। 1578 में मंगोल शासक अल्तान खान ने तीसरे दलाई लामा सोनम ग्यात्सो को यह उपाधि दी थी। इसके बाद यह परंपरा लगातार चलती रही। दूसरे दलाई लामा थे गेडुन ग्यात्सो, तीसरे सोनम ग्यात्सो, चौथे योंतें ग्यात्सो, पाँचवे लोपसंग ग्यात्सो, छठे त्संगयांग ग्यात्सो, सातवें केलजंग ग्यात्सो, आठवें जम्पेल ग्यात्सो, नौवें लुंगटोक ग्यात्सो, दसवें त्सुलत्रिम ग्यात्सो, ग्यारहवें खेध्रुप ग्यात्सो, बारहवें त्रिनले ग्यात्सो, तेरहवें थुबतेन ग्यात्सो और वर्तमान दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो हैं जो 14वें हैं। अब सबकी नजरें 15वें उत्तराधिकारी के नाम पर टिकी हैं जिसकी घोषणा कभी भी हो सकती है।