Dalai Lama: दलाई लामा को मिलेगा सर्वोच्च सम्मान? जानिए अब तक किन विदेशियों को मिला है भारत रत्न

Dalai Lama: दलाई लामा को मिलेगा सर्वोच्च सम्मान? जानिए अब तक किन विदेशियों को मिला है भारत रत्न

Dalai Lama: तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा एक बार फिर सुर्खियों में हैं। 6 जुलाई को अपने जन्मदिन के मौके पर उन्होंने अपने उत्तराधिकारी के चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान किया। इस पर चीन ने तुरंत आपत्ति जताई और कहा कि दलाई लामा को तिब्बती धर्मगुरु के उत्तराधिकारी के चुनाव का अधिकार नहीं है। लेकिन अब भारत से एक और बड़ी खबर आई है। भारतीय सांसदों के ऑल पार्टी फोरम ने दलाई लामा को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान “भारत रत्न” देने की सिफारिश की है। इस सिफारिश पर 80 से ज्यादा सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं और माना जा रहा है कि यह प्रस्ताव जल्द ही प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति को भेजा जाएगा।

क्या विदेशी नागरिक को मिल सकता है भारत रत्न?

अब इस फैसले पर एक बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या किसी विदेशी नागरिक को भारत रत्न दिया जा सकता है। यह सवाल इसलिए भी उठ रहा है क्योंकि दलाई लामा भारत के नागरिक नहीं हैं। हालांकि वे 1959 से भारत में रह रहे हैं जब चीन ने तिब्बत पर कब्जा किया था और वे हजारों तिब्बतियों के साथ भारत आ गए थे। तब से वे हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में रह रहे हैं और वहीं से उनकी निर्वासित सरकार भी संचालित होती है। लेकिन उन्होंने आज तक भारत की नागरिकता नहीं ली है। ऐसे में क्या उन्हें यह सम्मान दिया जा सकता है इस पर चर्चा जारी है।

अब तक किन विदेशी नागरिकों को मिला भारत रत्न

भारत रत्न सामान्यतः भारतीय नागरिकों को ही दिया जाता है लेकिन कुछ खास अपवाद भी रहे हैं। अब तक तीन विदेशी नागरिकों को यह सम्मान मिल चुका है। इनमें पाकिस्तान के स्वतंत्रता सेनानी खान अब्दुल गफ्फार खान, दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति और रंगभेद विरोधी नेता नेल्सन मंडेला और मदर टेरेसा शामिल हैं। हालांकि मदर टेरेसा ने बाद में भारत की नागरिकता ले ली थी। इसलिए यह पूरी तरह जरूरी नहीं है कि भारत रत्न सिर्फ भारतीयों को ही दिया जाए। अगर व्यक्ति का योगदान वैश्विक स्तर पर भारत से जुड़ा हो तो उसे भी यह सम्मान मिल सकता है।

इन्हें भी पढ़े.  Uttar Pradesh: गेहूं उत्पादन में भारत का सबसे अग्रणी राज्य

दलाई लामा के योगदान को भारत में कैसे देखा जाता है

दलाई लामा न केवल तिब्बतियों के आध्यात्मिक नेता हैं बल्कि विश्व शांति और अहिंसा के प्रतीक माने जाते हैं। उन्होंने भारत में रहते हुए बौद्ध धर्म, करुणा और अहिंसक संघर्ष की शिक्षा दी है। उन्हें 1989 में नोबेल शांति पुरस्कार भी मिल चुका है। उन्होंने हमेशा भारत के लिए आभार जताया है और तिब्बत की आज़ादी के संघर्ष में भारत का समर्थन मांगते रहे हैं। भारत सरकार और जनता के बीच दलाई लामा के प्रति सम्मान की भावना काफी गहरी है। अगर उन्हें भारत रत्न दिया जाता है तो यह न केवल उनके योगदान को मान्यता होगी बल्कि तिब्बतियों के संघर्ष को भी वैश्विक मंच पर आवाज़ मिलेगी।

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *