Operation Mahadev: फिल्मी दुनिया की चकाचौंध के पीछे कलाकारों की निजी जिंदगी कई बार बेहद भावुक और चुनौतीपूर्ण होती है। संजय दत्त की जिंदगी इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। एक ओर जहां उन्होंने फिल्मों में कई दिल छू लेने वाले किरदार निभाए, वहीं दूसरी ओर उनकी असली जिंदगी में दर्द, जंग और कठिनाइयों का लंबा सिलसिला रहा। संजय दत्त, जिनके माता-पिता सुनील दत्त और नरगिस जैसे दिग्गज कलाकार थे, उन्हें बचपन से ही स्टारडम मिला, लेकिन उनकी जिंदगी में तीन ऐसे पड़ाव आए, जिन्होंने उन्हें अंदर से झकझोर दिया — मां की मौत, पत्नी की बीमारी और खुद का कैंसर से सामना।
जब मां नरगिस को हुआ कैंसर
संजय दत्त की मां नरगिस भारतीय सिनेमा की बेहद सम्मानित और बेहतरीन अभिनेत्रियों में से एक थीं। लेकिन उनके जीवन का अंत अत्यंत दुखद रहा। साल 1980 के आस-पास नरगिस को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें शुरू हुईं, और जांच के बाद पता चला कि उन्हें अग्नाशय का कैंसर है। इलाज के लिए उन्हें अमेरिका ले जाया गया, जहां उनकी हालत कुछ समय के लिए सुधरी लेकिन फिर अचानक बिगड़ गई। उन्हें वापस भारत लाया गया और 3 मई 1981 को मुंबई में उनका निधन हो गया। दुर्भाग्यवश, वह अपने बेटे संजय की पहली फिल्म ‘रॉकी’ की रिलीज़ नहीं देख पाईं। उनकी मौत ने संजय को मानसिक रूप से तोड़ दिया और वे नशे की लत में चले गए। इस घटना ने पूरे परिवार को गहरे शोक में डुबो दिया।
पत्नी ऋचा शर्मा की असमय मृत्यु
संजय दत्त की पहली पत्नी ऋचा शर्मा, जो एक भारतीय-अमेरिकी अभिनेत्री थीं, की जिंदगी भी एक दर्दनाक मोड़ पर खत्म हुई। दोनों की मुलाकात 1980 के दशक में हुई और 1987 में दोनों ने शादी कर ली। अगले साल उनकी बेटी त्रिशाला का जन्म हुआ। शादी के कुछ ही समय बाद ऋचा को सिर दर्द और अन्य लक्षण महसूस हुए, जिसके बाद जांच में पता चला कि उन्हें ब्रेन ट्यूमर है। उनका इलाज अमेरिका में शुरू हुआ, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी उनकी हालत में खास सुधार नहीं आया। संजय अपने करियर और निजी परेशानियों से जूझ रहे थे, जबकि ऋचा बेटी के साथ अमेरिका में रह रही थीं। 10 दिसंबर 1996 को ऋचा का न्यूयॉर्क में निधन हो गया। उस समय उनकी उम्र सिर्फ 33 साल थी। इस दुखद घटना ने संजय और उनकी बेटी त्रिशाला को भीतर से तोड़ दिया।
जब खुद संजय दत्त को हुआ कैंसर
अगस्त 2020 में संजय दत्त को सांस लेने में तकलीफ और सीने में दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया। जांच में पता चला कि उन्हें चौथे चरण का फेफड़ों का कैंसर है। यह खबर सुनकर न केवल उनका परिवार, बल्कि पूरी फिल्म इंडस्ट्री और उनके प्रशंसक भी सदमे में आ गए। संजय ने मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में इलाज कराने का निर्णय लिया। उन्होंने कीमोथेरेपी सहित आधुनिक चिकित्सा विधियों का सहारा लिया। इस दौरान उनकी पत्नी मान्यता ने हर कदम पर उनका साथ दिया। इलाज के दौरान उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए लोगों को बताया कि वे मजबूत हैं और जल्दी ठीक होकर वापस आएंगे। अक्टूबर 2020 में उन्होंने खुद घोषणा की कि वे कैंसर से पूरी तरह मुक्त हो चुके हैं।
संजय दत्त की जिंदगी दिखाती है कि चमकते सितारों के पीछे कितनी तकलीफें छिपी होती हैं। मां की असमय मौत, पत्नी की बीमारी और फिर खुद की गंभीर बीमारी — इन सबने उन्हें मजबूत और जिंदादिल इंसान बनाया। आज वे न केवल एक सफल अभिनेता हैं, बल्कि लाखों लोगों के लिए प्रेरणा भी हैं, जो सिखाते हैं कि जीवन कितना भी कठिन क्यों न हो, उम्मीद और हिम्मत कभी नहीं छोड़नी चाहिए।