Atishi Marlena: अतिशी की शिक्षा और राजनीतिक यात्रा

Atishi Marlena: अतिशी की शिक्षा और राजनीतिक यात्रा

Atishi Marlena: हाल ही में अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद दिल्ली में नए मुख्यमंत्री के नाम पर विभिन्न अटकलें लगाई जा रही थीं। हालांकि, आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री पद के लिए अतिशी का नाम तय कर दिया है। इस स्थिति में, सवाल उठता है कि अतिशी कौन हैं और उनकी शिक्षा कैसी है। आइए इस लेख में अतिशी के बारे में जानें।

Atishi Marlena: अतिशी की शिक्षा और राजनीतिक यात्रा

अतिशी मारलेना कौन हैं?

अतिशी का जन्म 8 जून 1981 को दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विजय और त्रिप्ती सिंह के परिवार में हुआ था। पहले वह अतिशी मारलेना के नाम से जानी जाती थीं, जिसमें कहा जाता है कि इस नाम को मार्क्स और लेनिन के अक्षरों को हटाकर जोड़ा गया था। हालांकि, बाद में अतिशी ने इस उपनाम को हटा दिया क्योंकि इससे उनके ईसाई होने का भ्रम उत्पन्न होता था।

अतिशी की शिक्षा

अतिशी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के पूसा रोड स्थित स्प्रिंगडेल्स स्कूल से प्राप्त की। 2001 में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से अपनी ग्रेजुएशन पूरी की। इसके बाद, उन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में दाखिला लिया।

विदेश से पढ़ाई करके भारत लौटने के बाद, उन्होंने आंध्र प्रदेश के ऋषि वैली स्कूल में काम किया। इसके साथ ही, वे सार्वजनिक नीति से संबंधित एक एनजीओ के साथ भी जुड़ी रहीं।

राजनीतिक यात्रा

अतिशी पार्टी की शुरुआत से ही इसके साथ जुड़ी हुई हैं। 2013 में, उन्होंने पार्टी के लिए नीति निर्माण का काम किया। 2015 में, उन्होंने मध्य प्रदेश में आम आदमी पार्टी द्वारा चलाए गए जल सत्याग्रह में सक्रिय भाग लिया।

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लोकसभा चुनाव में हार

2019 के लोकसभा चुनाव में, अतिशी को आम आदमी पार्टी ने बीजेपी नेता गौतम गंभीर के खिलाफ मैदान में उतारा। हालांकि, उन्हें इस चुनाव में चार लाख से अधिक वोटों से हार का सामना करना पड़ा।

विधानसभा चुनाव में जीत

लोकसभा चुनाव में हार के बावजूद, पार्टी ने उनके प्रति विश्वास जताया और 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्हें कालकाजी सीट से मैदान में उतारा। यहां उन्होंने बीजेपी नेता को 11 हजार से अधिक वोटों से हराकर विधानसभा में अपनी सीट सुरक्षित की।

इसके बाद, उन्हें गोवा इकाई का प्रभारी भी बनाया गया, और उनके राजनीतिक कद में तेजी से वृद्धि हुई। जल्दी ही उन्हें अरविंद केजरीवाल के भरोसेमंद कमांडर के रूप में भी नियुक्त किया गया और केजरीवाल की जेल यात्रा के दौरान भी पार्टी का नेतृत्व किया।

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