Banned Flag: भारत में तिरंगे का सम्मान सर्वोच्च है, क्योंकि यह देश की गरिमा, सम्मान और एकता का प्रतीक है। भारतीय ध्वज संहिता 2002 और “राष्ट्रीय सम्मान को अपमान से संरक्षण अधिनियम” (Prevention of Insults to National Honour Act) के तहत तिरंगे के सम्मान से जुड़े कई सख्त नियम बनाए गए हैं। इन्हीं नियमों के तहत भारत में कुछ देशों के झंडों को सार्वजनिक रूप से फहराने पर पाबंदी है।
किन देशों के झंडे फहराना प्रतिबंधित है?
भारत में आमतौर पर विदेशी झंडे फहराने पर कोई विशेष कानून नहीं है, लेकिन सार्वजनिक स्थानों पर किसी विदेशी देश का झंडा फहराना बिना सरकारी अनुमति के अवैध माना जा सकता है। विशेष रूप से ऐसे देशों के झंडे जैसे पाकिस्तान और चीन, जिनके साथ भारत के कूटनीतिक संबंध तनावपूर्ण हैं या सीमा विवाद हैं, को फहराना बेहद संवेदनशील और गैरकानूनी माना जाता है। इन झंडों को फहराने से राष्ट्रीय एकता और अखंडता को खतरा हो सकता है, और यह देश विरोधी गतिविधि के रूप में देखा जाता है।
प्रतिबंध का कारण
विदेशी झंडों को फहराने पर रोक लगाने का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा बनाए रखना और सामाजिक सौहार्द बिगड़ने से रोकना है। कुछ देशों के झंडों को देखकर लोगों में भावनात्मक या राजनीतिक तनाव उत्पन्न हो सकता है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां पहले से ही संवेदनशीलता अधिक है। इसलिए किसी भी विदेशी झंडे को बिना अनुमति फहराना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि यह दंडनीय अपराध भी हो सकता है।
कब और कहां हो सकते हैं विदेशी झंडे फहराए?
भारत में विदेशी दूतावास, अंतरराष्ट्रीय खेलों, सम्मेलनों या राजनयिक आयोजनों में संबंधित देशों के झंडे फहराए जा सकते हैं, लेकिन इसके लिए भारत सरकार से पूर्व अनुमति अनिवार्य होती है। इसके अलावा, किसी व्यक्ति द्वारा अपने घर या सार्वजनिक स्थान पर बिना अनुमति किसी विदेशी देश का झंडा फहराना कानून का उल्लंघन माना जाता है।