Dr. Rajendra Prasad: डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता और भारतीय गणतंत्र के पहले राष्ट्रपति थे। उनका जन्म 3 दिसंबर 1884 को बिहार के सीवान जिले के Zeradai गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही प्राप्त की और बाद में कलकत्ता विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उनकी सक्रिय भागीदारी ने उन्हें एक प्रमुख नेता बना दिया।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह और कई अन्य आंदोलनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी वफादारी और कड़ी मेहनत के कारण वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महत्वपूर्ण नेताओं में शामिल हो गए।
1950 में, डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारतीय गणतंत्र के पहले राष्ट्रपति बने और उन्होंने 1962 तक इस पद पर सेवा की। उनके नेतृत्व में भारत का पहला संविधान लागू हुआ, जिसने भारतीय लोकतंत्र की नींव को मजबूत किया।
उनकी उत्कृष्ट सेवाओं और देशभक्ति के कारण डॉ. राजेंद्र प्रसाद को भारतीय राजनीति और समाज में एक विशेष स्थान प्राप्त है। उनकी आत्मकथा और अन्य लेखन कार्य आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं।
1. डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जन्म किस राज्य के किस जिले में हुआ था?
उत्तर: बिहार, सीवान
2. डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारतीय गणतंत्र के पहले राष्ट्रपति बने। वे किस वर्ष राष्ट्रपति बने?
उत्तर: 1950
3. डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने किस आंदोलन के दौरान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाई?
उत्तर: असहयोग आंदोलन
4. डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान किन प्रमुख नेताओं के साथ कार्य किया?
उत्तर: महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू
5. डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने किस विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की थी?
उत्तर: कलकत्ता विश्वविद्यालय
6. डॉ. राजेंद्र प्रसाद का उपनाम क्या था?
उत्तर: ‘राजेंद्र बाबू’
7. डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने राष्ट्रपति पद पर कितनी बार कार्यभार संभाला?
उत्तर: दो बार (1950-1962)
8. डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कौन सी पुस्तक लिखी थी?
9. डॉ. राजेंद्र प्रसाद को भारतीय राजनीति में कौन सा प्रमुख पद मिला?
उत्तर: भारत के राष्ट्रपति
10. डॉ. राजेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में भारत का पहला संविधान कब लागू हुआ?
उत्तर: 26 जनवरी 1950