Five major forts: उत्तर प्रदेश, उत्तर भारत के प्रमुख राज्यों में से एक है, जो देश और दुनिया में अपनी विविधता और अद्वितीय परंपराओं के लिए जाना जाता है। इतिहास पर नज़र डालें तो उत्तर प्रदेश की भव्यता और राजस्व प्रबंध की छाप पुरानी पन्नों पर देखी जा सकती है, जिसमें यहाँ के किले भी शामिल हैं, जो इन राजस्व व्यवस्थाओं के केंद्र थे।
समय के साथ इन किलों पर राज समाप्त हो गया, लेकिन आज भी इन किलों की छवि अतीत की दर्पण में देखी जा सकती है। यही कारण है कि पर्यटकों का एक बड़ा वर्ग आज भी इन वीरान किलों को देखने पहुँचता है और भारत की सुनहरी यादें अपने साथ ले जाता है। इस लेख के माध्यम से हम उत्तर प्रदेश के पाँच प्रमुख किलों के बारे में जानेंगे।
1. आगरा का लाल किला
आगरा का लाल किला अपनी वास्तुकला और भव्यता के लिए विश्व प्रसिद्ध है। इसे विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्राप्त है। इस किले का निर्माण मुग़ल शासक अकबर ने 1565 में करवाया था, जो अकबर और उनकी सेना का निवास स्थान था। यह किला इस प्रकार से बनाया गया था कि यहाँ से कोई पक्षी भी उड़कर नहीं जा सकता था। आज भी इस किले के सामने एक गहरी खाई देखी जा सकती है, जो जंगली जानवरों और मगरमच्छों की निवास स्थान थी। आज भी इस किले से ताज महल की झलक देखी जा सकती है।
2. झाँसी किला
यह उत्तर प्रदेश का ऐतिहासिक किला है, जिसका नाम 1857 की स्वतंत्रता संघर्ष की गाथा में स्वर्णाक्षरों में दर्ज है। झाँसी की महारानी लक्ष्मीबाई ने ब्रिटिशों के खिलाफ लड़ाई की और अपने घोड़े के साथ इस किले से कूद गईं। आज भी उस स्थान को किले में देखा जा सकता है। इस किले का निर्माण 1613 में ओरछा के महाराज राजा बीर सिंह देव ने करवाया था।
3. इलाहाबाद किला
आज हम इलाहाबाद किले को प्रयागराज किला के रूप में जानते हैं। इस किले का निर्माण मुग़ल शासक अकबर ने करवाया था। विशेष बात यह है कि यह किला गंगा और यमुना के संगम पर स्थित है। इस किले में ऐतिहासिक अशोक स्तंभ को आज भी देखा जा सकता है।
4. अलीगढ़ किला
अलीगढ़ किला अपनी मजबूती के लिए जाना जाता है। इस किले का निर्माण 16वीं सदी में इब्राहीम लोदी के दरबार के गवर्नर ने करवाया था। किले को समय-समय पर नवीनीकरण किया गया। इस किले का अंतिम नवीनीकरण माधवरो स्किन्दिया द्वारा किया गया था।
5. रामगढ़ किला
रामगढ़ किला वाराणसी में स्थित है, जो गंगा नदी के किनारे पर बना है। इस किले का निर्माण 1750 में राजा बलवंत सिंह ने करवाया था। किले में मुग़ल शैली से लेकर विदेशी वास्तुकला तक का प्रभाव देखा जा सकता है।