General Knowledge: मुगल वंश ने भारत में लंबे समय तक शासन किया। इस दौरान उन्होंने कई शहरों को अपनी राजधानी बनाया और वहां से शासन चलाया। बाबर ने 1526 में पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोदी को हराकर भारत में मुगल शासन की नींव रखी। इसके बाद मुगलों ने अलग-अलग समय पर आगरा, दिल्ली, फतेहपुर सीकरी और लाहौर को अपनी राजधानी बनाया। इन राजधानियों के चुनाव के पीछे सैन्य, भौगोलिक और धार्मिक कारण थे। आज ये शहर भारत और पाकिस्तान के इतिहास और विरासत के अहम केंद्र बन चुके हैं।
आगरा: पहली राजधानी और उसका वर्तमान महत्व
बाबर के समय में दिल्ली पूर्ण रूप से स्थिर नहीं थी, इसलिए उन्होंने आगरा को राजधानी बनाया। यह शहर उत्तर भारत के मैदानों में स्थित है और यमुना नदी के किनारे होने के कारण रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण था। आगरा दिल्ली, मथुरा और ग्वालियर जैसे प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ था। यमुना नदी के कारण यहां जल आपूर्ति और कृषि भी सरल थी। आगरा ने मुगलों को तत्काल और सुरक्षित प्रशासनिक नियंत्रण देने में मदद की। वर्तमान में आगरा अपने ऐतिहासिक स्मारकों, विशेष रूप से ताजमहल के लिए विश्वप्रसिद्ध है, जिसे देखने हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। मुगलों की स्थापत्य कला और सांस्कृतिक विरासत आज भी इस शहर में जीवंत है।
दिल्ली: शाहजहाँ की राजधानी और भारत की आधुनिक राजधानी
मुगल बादशाह शाहजहाँ ने 1648 में दिल्ली को अपनी राजधानी बनाया और वहां एक नया शहर बसाया, जिसे शाहजहानाबाद कहा गया। आज इसे पुरानी दिल्ली के नाम से जाना जाता है। दिल्ली को राजधानी बनाने के पीछे सुरक्षा, रणनीतिक और प्रशासनिक कारण थे। शाहजहाँ ने यहाँ लाल किला, जामा मस्जिद जैसे भव्य स्मारकों का निर्माण कराया। मुगलों के शासनकाल में दिल्ली को एक सांस्कृतिक और प्रशासनिक केंद्र के रूप में विकसित किया गया। आज की दिल्ली न केवल भारत की राजधानी है, बल्कि यह देश की राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र भी है।
फतेहपुर सीकरी और लाहौर: संक्षिप्त लेकिन ऐतिहासिक राजधानी
अकबर ने 1571 से 1585 तक फतेहपुर सीकरी को अपनी राजधानी बनाया। कहा जाता है कि अजमेर में सूफी संत शेख सलीम चिश्ती ने अकबर को पुत्र प्राप्ति का आशीर्वाद दिया था, जिसके बाद अकबर ने शेख की समाधि के पास सीकरी गांव के निकट एक शहर बसाया और उसका नाम फतेहपुर सीकरी रखा। हालांकि, यहां पानी की कमी के कारण अकबर को राजधानी लाहौर स्थानांतरित करनी पड़ी। आज फतेहपुर सीकरी एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जो मुगल स्थापत्य कला में रुचि रखने वाले लोगों को आकर्षित करता है।
लाहौर को 1582 में फतेहपुर सीकरी के बाद मुगलों की राजधानी बनाया गया। लाहौर को पहले हुमायूं ने 1555 में अपने नियंत्रण में लिया था। मुगलों के लिए यह शहर पश्चिमोत्तर भारत में प्रशासनिक और सैन्य दृष्टि से महत्वपूर्ण था। वर्तमान में लाहौर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की राजधानी है और कराची के बाद सबसे अधिक जनसंख्या वाला शहर है। इसे पाकिस्तान का “दिल” भी कहा जाता है। मुगलों की स्थापत्य विरासत आज भी लाहौर के कई हिस्सों में देखी जा सकती है।