GK Questions: भारत की पहली पंचवर्षीय योजना (1951-56) में कृषि को प्राथमिकता दी गई थी, जबकि दूसरी (1956-61) में उद्योग क्षेत्र पर जोर था। तीसरी योजना (1961-66) में कृषि और उद्योग दोनों पर ध्यान दिया गया। चौथी और पाँचवीं योजनाओं में गरीबी हटाना और विकास पर फोकस रहा। आठवीं योजना में रोजगार और जनसंख्या नियंत्रण, नवमी में 7% विकास, दसवीं में स्व-रोजगार, ग्यारहवीं में तेजी से विकास, और बारहवीं में स्वास्थ्य, शिक्षा और स्वच्छता सुधार पर ध्यान केंद्रित किया गया।
प्रश्न 1: पहली पंचवर्षीय योजना (1951-56) का मुख्य उद्देश्य क्या था?
उत्तर: कृषि को प्राथमिकता देना।
प्रश्न 2: दूसरी पंचवर्षीय योजना (1956-61) में किस क्षेत्र को प्राथमिकता दी गई?
उत्तर: उद्योग क्षेत्र की प्राथमिकता।
प्रश्न 3: तीसरी पंचवर्षीय योजना (1961-66) का फोकस क्या था?
उत्तर: कृषि और उद्योग दोनों।
प्रश्न 4: योजना अवकाश (1966-69) क्यों लिया गया?
उत्तर: भारत-पाक युद्ध, संसाधनों की कमी, सूखा और मूल्य वृद्धि के कारण। इस समय तीन वार्षिक योजनाएँ तैयार की गईं और कृषि व उद्योग को प्राथमिकता दी गई।
प्रश्न 5: चौथी पंचवर्षीय योजना (1969-74) का लक्ष्य क्या था?
उत्तर: न्याय के साथ गरीबी हटाना और विकास।
प्रश्न 6: पाँचवीं पंचवर्षीय योजना (1974-79) में किस पर जोर था?
उत्तर: गरीबी हटाना और आत्मनिर्भरता।
प्रश्न 7: रोलिंग प्लान (1978-80) क्यों लागू किया गया?
उत्तर: मोरारजी देसाई सरकार ने पाँचवीं योजना को 1978 में समाप्त कर वार्षिक योजना शुरू की जिसे रोलिंग प्लान कहा गया।
प्रश्न 8: छठी पंचवर्षीय योजना (1980-85) की विशेषता क्या थी?
उत्तर: पाँचवीं योजना जैसी ही प्राथमिकताएँ।
प्रश्न 9: सातवीं पंचवर्षीय योजना (1985-90) के उद्देश्य क्या थे?
उत्तर: खाद्य उत्पादन, रोजगार और उत्पादकता बढ़ाना।
प्रश्न 10: आठवीं पंचवर्षीय योजना (1992-97) में क्या लक्ष्य रखा गया?
उत्तर: रोजगार सृजन और जनसंख्या नियंत्रण।
प्रश्न 11: नववीं पंचवर्षीय योजना (1997-02) का लक्ष्य क्या था?
उत्तर: 7 प्रतिशत की विकास दर प्राप्त करना।
प्रश्न 12: दसवीं पंचवर्षीय योजना (2002-07) पर जोर किस पर था?
उत्तर: स्व-रोजगार और संसाधनों का विकास।
प्रश्न 13: ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना (2007-12) का उद्देश्य क्या था?
उत्तर: व्यापक और तेजी से विकास।
प्रश्न 14: बारहवीं पंचवर्षीय योजना (2012-17) के मुख्य लक्ष्य क्या थे?
उत्तर: स्वास्थ्य, शिक्षा और स्वच्छता का सुधार।