GK Questions: भारत में सबसे अधिक पाई जाने वाली मृदा जलोढ़ मृदा है, जो मुख्य रूप से नदी घाटियों में पाई जाती है। काली मृदा को रेगुर मृदा भी कहा जाता है और यह विशेष रूप से कपास की फसल के लिए उपयुक्त होती है। लाल मृदा में लाल रंग लौह ऑक्साइड के कारण होता है और यह मुख्य रूप से दक्कन पठार में पाई जाती है। जलोढ़ मृदा के दो प्रकार हैं, भंगर और खदर, जबकि लेटराइट मृदा का निर्माण तीव्र अपक्षय की प्रक्रिया से होता है। भारत में मृदा अपरदन का मुख्य कारण वनों की कटाई है। इसके अलावा, रेतीली मृदा मुख्य रूप से थार मरुस्थल में पाई जाती है। इन सभी मृदाओं के ज्ञान से भारत की कृषि, भौगोलिक विशेषताओं और प्राकृतिक संसाधनों को समझने में मदद मिलती है।
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भारत में सबसे अधिक पाई जाने वाली मृदा कौन सी है?
उत्तर: जलोढ़ मृदा। -
काली मृदा को और किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर: रेगुर मृदा। -
काली मृदा किस फसल के लिए उपयुक्त है?
उत्तर: कपास। -
लाल मृदा में लाल रंग किस कारण होता है?
उत्तर: लौह ऑक्साइड के कारण। -
जलोढ़ मृदा किन क्षेत्रों में पाई जाती है?
उत्तर: नदी घाटियों में। -
लेटराइट मृदा का निर्माण कैसे होता है?
उत्तर: तीव्र अपक्षय से। -
लाल मृदा मुख्य रूप से कहाँ पाई जाती है?
उत्तर: दक्कन पठार में। -
जलोढ़ मृदा के दो प्रकार कौन से हैं?
उत्तर: भंगर और खदर। -
भारत में मृदा अपरदन का मुख्य कारण क्या है?
उत्तर: वनों की कटाई। -
रेतीली मृदा कहाँ पाई जाती है?
उत्तर: थार मरुस्थल में।