Pandit Jawaharlal Nehru के सर्वश्रेष्ठ उद्धरण: भारत में हर साल 14 नवम्बर को बच्चों के दिवस के रूप में पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती मनाई जाती है। वे स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे, एक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, राजनेता, धर्मनिरपेक्ष मानवतावादी, समाजवादी और लेखक, जिन्होंने 20वीं सदी के मध्य में भारत में केंद्रीय भूमिका निभाई। उनका जीवन एक दृष्टिकोण से भरा हुआ था, और वे देश के कल्याण के लिए हमेशा चिंतित रहते थे। यह लेख आपको पंडित नेहरू के सर्वश्रेष्ठ उद्धरणों के माध्यम से जीवन में सफलता पाने के लिए प्रेरित करेगा।
पंडित जवाहरलाल नेहरू के बारे में
पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवम्बर 1889 को हुआ था। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता थे और भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के माध्यम से स्वतंत्रता की ओर अग्रसर हुए। उनके नेतृत्व में भारत ने न केवल स्वतंत्रता प्राप्त की, बल्कि लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय के मूल्यों को भी अपनाया।
नेहरू ने भारतीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी और शिक्षा के क्षेत्र में कई अहम कदम उठाए। उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IITs) और भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIMs) जैसी संस्थाओं की स्थापना की, जो आज भारत की प्रगति में अहम योगदान दे रही हैं। उनकी नीतियों ने औद्योगिकीकरण, वैज्ञानिक अनुसंधान और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
नेहरू के नेतृत्व में भारत ने नव स्वतंत्र देशों के बीच एक ठोस नींव रखने की दिशा में काम किया, और उन्होंने शीत युद्ध में तटस्थ रहने के लिए गुटनिरपेक्ष आंदोलन का समर्थन किया। उनकी सरकार ने सामाजिक कल्याण और आर्थिक आत्मनिर्भरता पर ध्यान केंद्रित किया, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी समृद्धि की राह खुली।
पंडित नेहरू के प्रेरणादायक और मोटिवेशनल उद्धरण
- “हम एक अद्भुत दुनिया में जीते हैं, जो सुंदरता, आकर्षण और साहसिकता से भरी हुई है। जो साहसिकता हम चाहते हैं, उसका कोई अंत नहीं है यदि हम उन्हें खुले आंखों से खोजें।”
- यह उद्धरण पंडित नेहरू की सकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है। उन्होंने जीवन को एक साहसिक यात्रा के रूप में देखा और हमेशा इसे आगे बढ़ाने की प्रेरणा दी।
- “बहुत अधिक सतर्क रहने की नीति सबसे बड़ा खतरा है।”
- पंडित नेहरू का यह उद्धरण बताता है कि जीवन में जोखिम उठाना और साहसिक निर्णय लेना जरूरी है। बहुत सतर्क रहने से हमें अवसरों से चूकने का डर रहता है।
- “जो बुरा है उसे अनियंत्रित छोड़ देना, वह पूरे समाज को विषाक्त कर देता है।”
- यह उद्धरण उनके नैतिक दृष्टिकोण को दर्शाता है। पंडित नेहरू का मानना था कि समाज में किसी भी बुराई को सहन करना पूरे समाज को नुकसान पहुंचाता है और उसे खत्म करना आवश्यक है।
- “संस्कृति, मस्तिष्क और आत्मा के विस्तार का नाम है।”
- पंडित नेहरू के लिए संस्कृति केवल कला और संगीत तक सीमित नहीं थी, बल्कि यह एक समाज के सोचने और समझने के तरीके का विस्तार थी।
- “एक पूंजीवादी समाज में, यदि उन्हें अनियंत्रित छोड़ दिया जाए, तो वह अमीरों को और अमीर बना देता है और गरीबों को और गरीब।”
- इस उद्धरण में पंडित नेहरू ने आर्थिक असमानता पर ध्यान आकर्षित किया। उनका मानना था कि बिना नियंत्रण के पूंजीवाद समाज में असमानता को बढ़ावा देता है।
- “राजनीति और धर्म अब पुरानी चीजें हो चुकी हैं। अब समय आ गया है कि हम विज्ञान और आत्मा को अपनाएं।”
- पंडित नेहरू का यह उद्धरण उनके विज्ञान और तर्क के प्रति विश्वास को दर्शाता है। वे मानते थे कि समय के साथ धर्म और राजनीति के पारंपरिक रूपों को छोड़कर हमें नए दृष्टिकोण अपनाने चाहिए।
- “एक महान कारण के लिए वफादारी और कुशल कार्य, भले ही वह तुरंत पहचाना न जाए, अंततः फल देता है।”
- पंडित नेहरू ने हमेशा महान कार्यों में विश्वास किया, भले ही उनका फल तुरंत न मिले। वे मानते थे कि लंबी अवधि में अच्छे कार्यों का महत्व हमेशा सामने आता है।
- “समय केवल वर्षों के गुजरने से नहीं मापा जाता, बल्कि यह इस बात से मापा जाता है कि आप क्या करते हैं, क्या महसूस करते हैं, और क्या प्राप्त करते हैं।”
- पंडित नेहरू का यह उद्धरण हमें यह सिखाता है कि जीवन में समय का सही उपयोग महत्वपूर्ण है। केवल उम्र बढ़ने से कुछ नहीं होता, असली मूल्य आपके कार्यों में है।
पंडित नेहरू की सेवा और योगदान
पंडित नेहरू को उनके देश के प्रति योगदान के लिए कई सम्मान प्राप्त हुए, जिनमें भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान “भारत रत्न” भी शामिल है। 1947 से लेकर 1964 तक प्रधानमंत्री पद पर रहने के दौरान, पंडित नेहरू ने भारतीय राजनीति और समाज पर गहरा असर छोड़ा।
उनकी नीतियों और दृष्टिकोणों ने भारत को एक मजबूत लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में स्थापित किया। उनके योगदान से भारत में विज्ञान, शिक्षा, और औद्योगिकीकरण में क्रांति आई। उन्होंने शिक्षा को महत्वपूर्ण माना और कई सरकारी संस्थाएं स्थापित कीं, जो आज भारतीय समाज के विकास में अहम भूमिका निभा रही हैं।
पंडित नेहरू की मृत्यु और प्रभाव
पंडित नेहरू का निधन 27 मई 1964 को हुआ था, जिससे देश में शोक की लहर दौड़ गई। उनकी मृत्यु के बाद भी उनका प्रभाव भारतीय राजनीति, समाज और शिक्षा के क्षेत्र में महसूस किया जाता है। उनका दृष्टिकोण और कार्य हमेशा प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे।
उनकी नीतियां आज भी भारत के विकास के रास्ते को मार्गदर्शन देती हैं और उनकी विचारधारा से प्रेरित कई संस्थाएं और योजनाएं काम कर रही हैं। पंडित नेहरू का जीवन देश के लिए समर्पित था और उनका योगदान भारतीय समाज और दुनिया भर में हमेशा याद किया जाएगा।
पंडित जवाहरलाल नेहरू भारतीय राजनीति और समाज में एक अनमोल रत्न के रूप में गिने जाते हैं। उनके योगदान ने भारत को न केवल स्वतंत्रता दिलाई, बल्कि इसे एक मजबूत लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाने की दिशा भी दी। उनके उद्धरण आज भी हमारे जीवन में प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं और उनका दृष्टिकोण हमारे लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है।