ISRO’s new achievement: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने श्रीहरिकोटा से अपने छोटे सैटेलाइट लॉन्च वाहन (SSLV) के माध्यम से EOS-08 सैटेलाइट सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। यह 175 किलोग्राम वजनी सैटेलाइट पृथ्वी अवलोकन सैटेलाइट (EOS) मिशन का हिस्सा है। इसके साथ एक छोटे सैटेलाइट SR-0 DEMOSAT भी भेजा गया है।
ISRO प्रमुख का बयान:
ISRO के प्रमुख एस. सोमनाथ ने पुष्टि की है कि इन्जेक्शन की शर्तों में कोई विचलन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, “अंतिम कक्षा की जानकारी ट्रैकिंग के बाद मिलेगी, लेकिन वर्तमान संकेतों के अनुसार सब कुछ बिल्कुल सही है। EOS-08 और SR-08 सैटेलाइट्स को मैन्युवर्स के बाद स्थानांतरित किया गया है।” ISRO ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया, “SSLV का तीसरा विकासात्मक उड़ान सफल रही। SSLV-D3 ने EOS-08 को सही कक्षा में स्थानांतरित किया।”
EOS-08 सैटेलाइट की तकनीकी विशेषताएँ:
- EOS-08 सैटेलाइट में X-बैंड डेटा ट्रांसमिशन के साथ पल्स शेपिंग और फ्रीक्वेंसी कम्पेन्सेटेड मॉडुलेशन (FCM) शामिल है।
- इसका बैटरी प्रबंधन प्रणाली SSTCR आधारित चार्जिंग और बस रेगुलेशन का उपयोग करती है।
- TM-TC सिस्टम CDMA और Direct PSK मोड्स को समर्थन करता है, जिसमें मिनीट्योराइज्ड फ़िल्टर्स भी शामिल हैं।
- सैटेलाइट में स्वदेशी सोलर सेल निर्माण, नैनो-स्टार सेंसर, रिएक्शन व्हील आइसोलेटर्स वाइब्रेशन नियंत्रण के लिए और TTC और SPS अनुप्रयोगों के लिए सिंगल एंटीना इंटरफेस का उपयोग किया गया है।
EOS-08 मिशन के उद्देश्य:
- EOS-08 मिशन के तहत भेजे गए सैटेलाइट्स का वजन 175.5 किलोग्राम है। इसके उद्देश्यों में माइक्रोसैटेलाइट्स का डिज़ाइन और विकास शामिल है।
- EOS-08 में तीन पेलोड्स हैं: इलेक्ट्रो ऑप्टिकल इन्फ्रारेड पेलोड (EOIR), ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम-रिफ्लेक्टोमेट्री पेलोड (GNSS-R) और CIC UV डोसिमीटर।
EOS मिशन:
EOS-08 मिशन के तहत एक महत्वपूर्ण कदम है। नवंबर 2020 में लॉन्च किया गया EOS-01 सैटेलाइट अभी भी कक्षा में है। भारत एक नए अंतरिक्ष अन्वेषण युग में प्रवेश कर रहा है। EOS मिशन के तहत, भारत अपनी पृथ्वी निगरानी प्रणाली को विकसित करने के अंतिम चरण में है।