Largest Gold Reserves In 2024; सोने की मांग और मूल्य समय के साथ बढ़ते गए हैं, और 2024 में सोने की कीमतों में लगभग 20% की वृद्धि हुई है। इस वृद्धि के कारण, विश्वभर में केंद्रीय बैंकों ने अपने सोने के भंडार में उल्लेखनीय वृद्धि की है। एक रिपोर्ट के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के आंकड़ों के अनुसार, केंद्रीय बैंकों ने हाल ही में अपने भंडार में 37 टन सोने का इजाफा किया है, जो कि महीने दर महीने 206% की वृद्धि को दर्शाता है। यह आंकड़ा 2024 के जनवरी महीने के बाद सबसे बड़ा मासिक आंकड़ा है।
भारत के पास कुल कितने सोने का भंडार है?
भारत के पास 854.73 मीट्रिक टन सोने का भंडार है, जो एक महत्वपूर्ण आंकड़ा है। इस भंडार का एक बड़ा हिस्सा, लगभग 510.46 मीट्रिक टन, भारत में ही संचित है, जबकि 324.01 मीट्रिक टन सोने को बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स में सुरक्षित रखा गया है। इसके अलावा, भारत के पास 20.26 मीट्रिक टन सोने का जमा भी है, जो इसके कुल भंडार का हिस्सा है।
वर्तमान में भारतीय रिजर्व बैंक के नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, भारत के सोने का भंडार न केवल देश की अर्थव्यवस्था को बल प्रदान करता है बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय वित्तीय स्थिति को भी मजबूत करता है।
2024 में विश्व के सबसे बड़े सोने के भंडार
विश्व स्तर पर देखा जाए तो 2024 में सबसे बड़े सोने के भंडार वाले देश अमेरिका हैं। विश्व गोल्ड काउंसिल के अनुसार, अमेरिका के पास 8,133.46 मीट्रिक टन सोने का भंडार है, जो कि उनके कुल विदेशी भंडार का 72.41% है। इसके बाद, जर्मनी, इटली और फ्रांस जैसे देशों का नाम आता है, जो सोने के बड़े भंडार वाले देशों में शामिल हैं।
सोने के भंडार के मामले में शीर्ष 10 देशों की सूची:
अमेरिका – 8,133.46 मीट्रिक टन (72.41%)
जर्मनी – 3,351.53 मीट्रिक टन (71.46%)
इटली – 2,451.84 मीट्रिक टन (68.33%)
फ्रांस – 2,436.97 मीट्रिक टन (69.99%)
रूस – 2,335.85 मीट्रिक टन (29.47%)
चीन – 2,264.32 मीट्रिक टन (4.91%)
जापान – 845.97 मीट्रिक टन (5.15%)
भारत – 840.76 मीट्रिक टन (9.57%)
नीदरलैंड्स – 612.45 मीट्रिक टन (61.61%)
तुर्की – 584.93 मीट्रिक टन (0%)
भारत का अंतरराष्ट्रीय निवेश स्थिति (IIP)
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत की अंतरराष्ट्रीय निवेश स्थिति (IIP) में हाल के वर्षों में सुधार देखा गया है। मार्च और सितंबर के अंत में रिजर्व बैंक द्वारा प्रकाशित किए गए आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने अपने भंडार में 108.4 बिलियन डॉलर का इजाफा किया है और उसके ऋणों में 97.7 बिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है। यह आंकड़ा भारत की विदेशी वित्तीय गतिविधियों की मजबूती को दर्शाता है।
विश्व में सोने के भंडार के प्रभाव
सोने का भंडार न केवल किसी देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करता है बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय वित्तीय बाजार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सोना केंद्रीय बैंकों द्वारा एक तरह से “सुरक्षा कवच” के रूप में उपयोग किया जाता है, जो वैश्विक आर्थिक संकट या मुद्रास्फीति की स्थिति में उनकी मुद्रा को स्थिर बनाए रखने में मदद करता है। सोने का भंडार किसी भी देश के लिए संकट के समय एक महत्वपूर्ण संपत्ति साबित हो सकता है।
भारत के सोने के भंडार का महत्व
भारत के सोने का भंडार देश की अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का मुख्य उद्देश्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना और विदेशी मुद्रा भंडार को सुदृढ़ करना है, और इस उद्देश्य में सोने के भंडार की महत्वपूर्ण भूमिका है। भारत में सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव का असर न केवल घरेलू अर्थव्यवस्था पर पड़ता है, बल्कि वैश्विक बाजारों पर भी इसका प्रभाव पड़ता है।
सोने का भंडार भारत के वित्तीय नीति निर्धारण में भी एक महत्वपूर्ण कारक है। जब अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमत बढ़ती है, तो भारत के पास अधिक मूल्यवान सोने का भंडार होता है, जो विदेशी मुद्रा भंडार को भी प्रभावित करता है। इसके अलावा, यह भारत को वैश्विक बाजार में एक स्थिर और भरोसेमंद खिलाड़ी बनाता है।
सोने के भंडार का विश्वभर में महत्वपूर्ण आर्थिक प्रभाव है, और 2024 में यह देखा जा रहा है कि देश अपने भंडार में वृद्धि कर रहे हैं। भारत, जो कि विश्व के शीर्ष सोने के भंडार वाले देशों में शामिल है, ने भी अपने सोने के भंडार को सुदृढ़ किया है। अमेरिका, जर्मनी और इटली जैसे देश सोने के भंडार में सबसे आगे हैं, जो यह दर्शाता है कि सोने की सुरक्षा और स्थिरता किसी भी राष्ट्र की वित्तीय नीति का अहम हिस्सा है।
भारत और अन्य देशों के सोने के भंडार का महत्व केवल राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि वैश्विक वित्तीय स्थिरता में भी है। यह भंडार देशों को आर्थिक संकटों से बचाने में मदद करता है और उनके मुद्रा भंडार को मजबूती प्रदान करता है।