Morphine कैसे मिनटों में मिटा देता है असहनीय दर्द, डॉक्टर क्यों आखिरी विकल्प मानते हैं इसे

Morphine कैसे मिनटों में मिटा देता है असहनीय दर्द, डॉक्टर क्यों आखिरी विकल्प मानते हैं इसे

Morphine: कभी-कभी मरीज इतनी गंभीर स्थिति में डॉक्टर के पास पहुंचता है कि दर्द बर्दाश्त के बाहर हो जाता है। ऐसे समय में डॉक्टर सबसे पहले मरीज की पीड़ा को कम करने की कोशिश करता है। आमतौर पर इसके लिए दवाइयाँ दी जाती हैं या दर्द निवारक इंजेक्शन लगाए जाते हैं। लेकिन अगर इनसे भी आराम नहीं मिलता तो डॉक्टर एक खास दवा का सहारा लेते हैं, जिसका नाम है मॉर्फिन। जैसे ही इसका इंजेक्शन शरीर में जाता है, कुछ ही समय में दर्द ऐसे गायब हो जाता है जैसे कभी था ही नहीं। मगर सवाल उठता है कि आखिर मॉर्फिन ऐसा क्या करता है जो दूसरी दवाएं नहीं कर पातीं?

दिमाग के रास्ते बंद कर देता है Morphine

मॉर्फिन असल में एक ओपिऑइड समूह की दवा है जो सीधे दिमाग और नर्वस सिस्टम पर असर करती है। जब कोई व्यक्ति गंभीर दर्द में होता है और सामान्य दर्दनिवारक दवाएं बेअसर हो जाती हैं, तब मॉर्फिन दिया जाता है। यह दवा दिमाग में मौजूद उन रिसेप्टर्स पर असर करती है जो दर्द के संकेत शरीर तक पहुंचाते हैं। जब ये संकेत ही दिमाग से निकलना बंद हो जाते हैं तो शरीर को दर्द महसूस होना बंद हो जाता है और मरीज को राहत मिलती है। इसलिए इसे ‘पावरफुल पेनकिलर’ माना जाता है। मगर इसकी लत भी बहुत जल्दी लग सकती है, इसीलिए डॉक्टर केवल खास स्थितियों में ही इसका उपयोग करते हैं।

Morphine कैसे मिनटों में मिटा देता है असहनीय दर्द, डॉक्टर क्यों आखिरी विकल्प मानते हैं इसे

Morphine की खोज और इतिहास भी है दिलचस्प

मॉर्फिन का इतिहास करीब दो हजार साल पुराना है। लेकिन इसे सबसे पहले वैज्ञानिक रूप से अलग किया गया था साल 1806 में, एक जर्मन वैज्ञानिक फ्रेडरिक सर्टर्नर द्वारा। उन्होंने अफीम से एक रासायनिक तत्व अलग किया जिसे बाद में मॉर्फिन नाम दिया गया। यह एक अल्कलॉइड होता है जो अफीम के पौधे ‘पापेवर सोम्निफेरम’ से निकाला जाता है। शुरुआत में इसका इस्तेमाल नींद लाने और दर्द कम करने के लिए किया जाता था। बाद में इसे इंजेक्शन के रूप में भी दिया जाने लगा, जो और ज्यादा असरदार साबित हुआ।

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हर दर्द की दवा नहीं है Morphine

मॉर्फिन बेहद असरदार जरूर है लेकिन इसका इस्तेमाल हर मरीज के लिए नहीं किया जा सकता। डॉक्टर केवल तब इसका प्रयोग करते हैं जब बाकी सभी विकल्प खत्म हो जाएं। यह नशीली दवा है और अगर लंबे समय तक दी जाए तो मरीज को इसकी लत लग सकती है। यही वजह है कि इसका प्रयोग बहुत सोच-समझकर किया जाता है। कई बार यह दवा सर्जरी से पहले या दौरान दी जाती है ताकि मरीज को दर्द महसूस न हो। इसलिए अगर अगली बार आप डॉक्टर के पास जाएं और वो मॉर्फिन का नाम लें तो समझ जाइए कि मामला बेहद गंभीर है और डॉक्टर आपको सबसे तेज राहत देने की कोशिश कर रहे हैं।

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