Origin of Hindon River: भारत में कई प्रमुख नदियाँ उत्तर भारत से उत्पन्न होती हैं, जो जीवनदायिनी के साथ-साथ कृषि और जलविद्युत परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण होती हैं। इन प्रमुख नदियों में यमुना, गंगा, अलकनंदा, भागीरथी, धौलीगंगा और रामगंगा शामिल हैं। इन नदियों के साथ-साथ आपको हिंडन नदी का भी नाम सुनने या पढ़ने का मौका मिला होगा, जो दिल्ली के पास बहती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हिंडन नदी का उद्गम स्थल कहां है? यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इसके बारे में जानेंगे।
हिंडन नदी का प्राचीन नाम
हिंडन नदी का प्राचीन नाम हर्णदी या हर्णंदी था। यह नदी यमुना की एक प्रमुख सहायक नदी है। समय के साथ इसका नाम बदल गया, लेकिन यह नदी आज भी अपनी ऐतिहासिक और भौगोलिक महत्व को बनाए हुए है।
हिंडन नदी की कुल लंबाई
हिंडन नदी की कुल लंबाई लगभग 400 किलोमीटर है। यह नदी यमुना और गंगा के बीच अपनी यात्रा पूरी करती है। यह लंबाई इसे एक महत्वपूर्ण जलस्रोत बनाती है, जो कई जिलों को पानी प्रदान करती है।
हिंडन नदी का उद्गम स्थल
हिंडन नदी का उद्गम स्थल सहारनपुर जिले के ऊपरी शिवालिक रेंज में स्थित शाकंभरी देवी पहाड़ियों से होता है। इसकी कुल बेसिन क्षेत्रफल 7083 वर्ग किलोमीटर है। यह एक पूरी तरह से वर्षा-निर्भर नदी है, जिसका मतलब है कि मानसून के दौरान इसमें अधिक पानी होता है, जबकि अन्य दिनों में इसका जल स्तर कम रहता है।
हिंडन नदी का प्रवाह क्षेत्र
सहारनपुर से निकलने के बाद, हिंडन नदी मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत, गाज़ियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा से होती हुई दिल्ली के कुछ दूर स्थित यमुना नदी में मिल जाती है। यहाँ पहुँचते-पहुँचते, यह अपनी 400 किलोमीटर की यात्रा पूरी करती है। इस यात्रा के दौरान यह विभिन्न जिलों से होकर गुजरती है, जो इसकी महत्वपूर्णता को दर्शाता है।
हिंडन नदी की सहायक नदियाँ
हिंडन नदी की एक प्रमुख सहायक नदी काली नदी है। यह नदी, जो दून घाटी से निकलती है, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत और गाज़ियाबाद से होते हुए हिंडन नदी में मिल जाती है। काली नदी की यह सहायक भूमिका हिंडन नदी की जलवायु और पारिस्थितिकी पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती है।
हिंडन नदी का प्रदूषण
भूतकाल में, हिंडन नदी का पानी बहुत साफ था। लेकिन बढ़ती जनसंख्या और फैलते गंदगी के कारण आज इस नदी का पानी पीने योग्य नहीं रहा। अब यह नदी एक नाले का रूप ले चुकी है और इसके जलजीव भी संकट में हैं। नदी के प्रदूषण ने इसके पारिस्थितिक तंत्र को गंभीर रूप से प्रभावित किया है, जिससे नदी की स्वच्छता और जैव विविधता को खतरा हो गया है।
निष्कर्ष
हिंडन नदी उत्तर भारत की महत्वपूर्ण नदियों में से एक है, जो शाकंभरी देवी पहाड़ियों से निकलती है और कई जिलों से होती हुई यमुना में मिल जाती है। इसका उद्गम स्थल और मार्ग इसे एक महत्वपूर्ण जल स्रोत बनाते हैं, लेकिन इसके प्रदूषण ने इसके महत्व को खतरे में डाल दिया है। अब समय आ गया है कि हम इस नदी की सफाई और संरक्षण के लिए प्रभावी कदम उठाएं ताकि इसकी पारिस्थितिकीय स्थिति को सुधारा जा सके और यह नदी भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक अमूल्य संसाधन बनी रहे।