Pyramid of Giza: पत्थरों से बनी तकनीक जिसने विज्ञान को चौंका दिया

Pyramid of Giza: पत्थरों से बनी तकनीक जिसने विज्ञान को चौंका दिया

Pyramid of Giza: गीज़ा का पिरामिड मिस्र की सबसे बड़ी और प्रसिद्ध संरचना मानी जाती है। इसे ग्रेट पिरामिड ऑफ गीज़ा के नाम से जाना जाता है और यह दुनिया के सात प्राचीन आश्चर्यों में से एक है जो आज भी सुरक्षित रूप से खड़ा है। इसका निर्माण करीब 2580 से 2560 ईसा पूर्व के बीच चौथे राजवंश के राजा खुफु (Cheops) के शासनकाल में हुआ था। उस समय मिस्र की सभ्यता अपने चरम पर थी और पिरामिड इसका सबसे अद्भुत उदाहरण था।

निर्माण की अद्भुत तकनीक

इस पिरामिड को बनाने में करीब 20 वर्षों का समय लगा और इसमें लगभग 23 लाख पत्थर के ब्लॉक लगाए गए थे। हर पत्थर का वजन दो से तीन टन के बीच था। उस समय न तो आधुनिक मशीनें थीं और न ही क्रेन जैसी तकनीक। फिर भी मिस्र के मजदूरों और शिल्पकारों ने मिलकर इतनी सटीकता से इस विशाल पिरामिड का निर्माण किया कि आज भी वैज्ञानिक उसकी तकनीक को लेकर हैरान हैं। यह पिरामिड करीब 481 फीट ऊंचा था जो अब 455 फीट रह गया है क्योंकि इसकी बाहरी चिकनी परत समय के साथ घिस चुकी है।

राजाओं की समाधि या कुछ और

माना जाता है कि यह पिरामिड राजा खुफु की समाधि था। इसे उनके मरने के बाद उनकी आत्मा के लिए बनाया गया ताकि वह परलोक की यात्रा में सुरक्षित रहे। पिरामिड के अंदर कई रहस्यमय कक्ष और सुरंगें हैं जो आज भी वैज्ञानिकों के लिए एक रहस्य बनी हुई हैं। हालांकि इसमें खुफु की ममी नहीं मिली जिससे यह सवाल उठता है कि क्या यह वास्तव में समाधि था या कुछ और।

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रहस्यों से भरी संरचना

गीज़ा का पिरामिड अपने भीतर कई ऐसे रहस्य समेटे हुए है जिनका आज तक सही उत्तर नहीं मिल पाया है। इसकी संरचना खगोलीय दिशाओं के अनुरूप इतनी सटीक तरीके से बनाई गई है कि यह एक कंपास की तरह काम करता है। इसके चारों कोने चारों दिशाओं को बिल्कुल सही दर्शाते हैं। इसके अलावा पिरामिड के निर्माण में गणित और ज्यामिति का उपयोग इतने सटीक ढंग से किया गया है कि आधुनिक इंजीनियर भी हैरान रह जाते हैं।

आज की दुनिया में इसका महत्व

आज गीज़ा का पिरामिड मिस्र की पहचान बन चुका है। हर साल लाखों सैलानी इसे देखने आते हैं। यह न केवल एक ऐतिहासिक धरोहर है बल्कि मानव बुद्धि और श्रम की मिसाल भी है। यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया है। यह पिरामिड आज भी खड़ा होकर इंसान की जिज्ञासा को बढ़ाता है और हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि हजारों साल पहले बिना किसी आधुनिक साधन के ऐसी संरचना कैसे बनाई गई होगी।

गीज़ा का पिरामिड सिर्फ एक इमारत नहीं है बल्कि यह उस युग की वैज्ञानिक सोच और अद्भुत इंजीनियरिंग का प्रतीक है। यह प्राचीन मिस्र की महानता का प्रमाण है और आज भी इतिहास प्रेमियों और वैज्ञानिकों के लिए रहस्य और रोमांच का विषय बना हुआ है।

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