Stephen Hawking: 21 साल की उम्र में मिली थी मौत की सजा फिर भी हर चुनौती को हराया

Stephen Hawking: 21 साल की उम्र में मिली थी मौत की सजा फिर भी हर चुनौती को हराया

Stephen Hawking एक महान वैज्ञानिक थे जिन्होंने ब्रह्मांड और ब्लैक होल्स के बारे में अनोखी थ्योरी दी। उनका जन्म 8 जनवरी 1942 को इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड में हुआ था। उनकी जिंदगी ने यह साबित कर दिया कि अगर इंसान के पास संघर्ष करने की इच्छाशक्ति हो तो वह किसी भी मुश्किल को पार कर सकता है।

हॉकिंग का कठिन संघर्ष

स्टीफन हॉकिंग को जब महज 21 साल की उम्र में मोटर न्यूरॉन डिजीज (ALS) का पता चला था तो डॉक्टरों ने उन्हें सिर्फ 2 साल जीने का वक्त बताया था। लेकिन उन्होंने अपनी बीमारी को एक चुनौती के रूप में लिया और अपनी बुद्धिमत्ता से दुनिया को चौंका दिया। उन्होंने इस बीमारी के बावजूद अपने काम को जारी रखा।

Stephen Hawking: 21 साल की उम्र में मिली थी मौत की सजा फिर भी हर चुनौती को हराया

ब्रह्मांड के रहस्यों को समझने की कोशिश

हॉकिंग का सबसे बड़ा योगदान था उनके द्वारा दी गई ब्लैक होल्स और बिग बैंग थ्योरी। उन्होंने बताया कि ब्लैक होल्स केवल वस्तुओं को नहीं निगलते बल्कि वे रेडिएशन भी छोड़ते हैं। उनकी किताब “A Brief History of Time” ने दुनियाभर में खगोलशास्त्र और भौतिकी को सरल भाषा में समझाया।

विज्ञान और समाज पर हॉकिंग का प्रभाव

स्टीफन हॉकिंग का कार्य केवल वैज्ञानिक समुदाय में ही नहीं बल्कि आम लोगों में भी प्रभावी रहा। उनके विचारों ने वैज्ञानिक दुनिया के साथ-साथ समाज को भी जागरूक किया। उन्होंने हमेशा यह कहा कि हमें कभी भी उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए और अपनी सोच को सीमित नहीं करना चाहिए।

स्टीफन हॉकिंग की प्रेरणा

हॉकिंग की जिंदगी ने हमें यह सिखाया कि अगर इच्छाशक्ति मजबूत हो तो किसी भी प्रकार की शारीरिक या मानसिक सीमा को पार किया जा सकता है। उन्होंने अपने जीवन में अनेक मुश्किलों का सामना किया लेकिन हमेशा आगे बढ़ते रहे। उनकी प्रेरणादायक कहानी आज भी लोगों के दिलों में जीवित है।

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