Telugu Language Day 2024: तेलुगु भाषा दिवस हर साल 29 अगस्त को मनाया जाता है, जो तेलुगु भाषा और उसकी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस दिन का चयन प्रसिद्ध कवि और लेखक गिडुगु वेंकटा राममूर्ति के जन्मदिन के उपलक्ष्य में किया गया है, जिन्होंने तेलुगु भाषा के प्रसार में अहम भूमिका निभाई थी।
तेलुगु भाषा की उत्पत्ति
तेलुगु भाषा की उत्पत्ति दक्षिण भारत में हुई है और यह द्रविड़ भाषा परिवार की एक प्रमुख भाषा है। इसका इतिहास करीब 1500 वर्षों से अधिक पुराना है। तेलुगु को प्राचीन समय में “त्रिनेत्र” के रूप में भी जाना जाता था, जिसका अर्थ है ‘तीन नेत्रों वाली भाषा’, क्योंकि यह संस्कृत, प्राकृत और द्रविड़ भाषाओं का मिश्रण है। 11वीं सदी में, तेलुगु साहित्य में प्रथम कवि नन्नय्या ने महाभारत का तेलुगु में अनुवाद किया, जो इस भाषा का पहला साहित्यिक कार्य माना जाता है।
तेलुगु भाषा के कुछ रोचक तथ्य
1. तेलुगु लिपि: तेलुगु भाषा की लिपि ब्राह्मी लिपि से विकसित हुई है और इसे भारतीय भाषाओं में सबसे सुंदर लिपियों में से एक माना जाता है।
2. बोलने वालों की संख्या: तेलुगु भारत की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है, जिसे लगभग 8 करोड़ से अधिक लोग बोलते हैं। यह आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की आधिकारिक भाषा भी है।
3. संस्कृत से संबंध: तेलुगु को “भारतीय इतालवी” भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें संस्कृत के शब्दों की भरमार है और इसकी ध्वनियों में मेलोडी है।
4. साहित्यिक धरोहर: तेलुगु साहित्यिक धरोहर में महान कवि, लेखक और संतों का योगदान शामिल है, जिसमें कन्नड और तमिल के साथ ही इस भाषा में भी उच्च स्तर का साहित्य लिखा गया है।
5. विविधता में एकता: तेलुगु भाषा में कई क्षेत्रीय बोलियां और उच्चारण हैं, लेकिन ये सभी मिलकर इस भाषा की विविधता और समृद्धि को दर्शाते हैं।
तेलुगु भाषा दिवस का उद्देश्य इस समृद्ध भाषा की महान परंपरा और विरासत को संजोना और आने वाली पीढ़ियों को इसके महत्व से अवगत कराना है। इस दिन, तेलुगु भाषा के साहित्य, संस्कृति और इतिहास को सम्मानित करने के लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम और कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं।