Weakest Passport In 2025: दुनिया के हर देश के नागरिकों को विदेश यात्रा के लिए अलग-अलग वीजा सुविधाएं मिलती हैं। जब भी कोई व्यक्ति विदेश जाता है, तो वहां जाने के लिए वीजा की आवश्यकता होती है और इसी के आधार पर उस देश में एंट्री मिलती है। दुनिया में जिन देशों में बिना वीजा यात्रा की जा सकती है, उस देश का पासपोर्ट उतना ही मजबूत माना जाता है। हाल ही में हैनली पासपोर्ट इंडेक्स (Henley Passport Index) ने दुनिया के पासपोर्ट्स की रैंकिंग जारी की है, जिसमें बताया गया है कि किस देश का पासपोर्ट सबसे मजबूत और किस देश का पासपोर्ट सबसे कमजोर है। इसके अलावा, इस रिपोर्ट में पाकिस्तान के पासपोर्ट की स्थिति और रैंकिंग को भी साफ बताया गया है, जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान के नागरिकों को विदेश यात्रा में किस प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
पाकिस्तान का पासपोर्ट दुनिया में चौथे सबसे कमजोर स्थान पर
रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान का पासपोर्ट साल 2025 में सबसे कमजोर पासपोर्ट्स की सूची में चौथे स्थान पर है। हैनली पासपोर्ट इंडेक्स में पाकिस्तान से नीचे केवल तीन ऐसे देश हैं जो हिंसा और गृह युद्ध से घिरे हुए हैं। पाकिस्तान के पासपोर्ट के जरिए केवल 32 देशों में वीजा फ्री या वीजा ऑन अराइवल की सुविधा मिलती है, लेकिन इनमें दुनिया के बड़े और प्रमुख देशों के नाम शामिल नहीं हैं। इसका अर्थ है कि पाकिस्तान के नागरिकों को यात्रा के लिए वीजा की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, जिससे उनके लिए विदेश यात्रा महंगी और जटिल हो जाती है। वैश्विक रैंकिंग के अनुसार, पाकिस्तान का पासपोर्ट दुनिया का चौथा सबसे कमजोर पासपोर्ट है। हालांकि, 2024 की रिपोर्ट में पाकिस्तान का पासपोर्ट भी यमन के साथ चौथे सबसे कमजोर पासपोर्ट की श्रेणी में था, लेकिन 2025 की रिपोर्ट में इसकी रैंकिंग में एक स्थान का सुधार जरूर हुआ है, फिर भी स्थिति संतोषजनक नहीं है।
कौन सा देश है सबसे कमजोर पासपोर्ट वाले देशों में?
हैनली पासपोर्ट इंडेक्स की इस सूची में पाकिस्तान से कमजोर पासपोर्ट वाले देशों में इराक, सीरिया और अफगानिस्तान शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार इराक 97वें स्थान पर, सीरिया 98वें स्थान पर और अफगानिस्तान 99वें स्थान पर है। वहीं यमन और सोमालिया 96वें स्थान पर हैं, जिनकी स्थिति भी पाकिस्तान से थोड़ी ही बेहतर मानी गई है। ये सभी देश राजनीतिक अस्थिरता, आंतरिक संघर्ष और सुरक्षा चुनौतियों से जूझ रहे हैं, जिसके कारण इन देशों के नागरिकों को विदेश यात्रा के लिए कड़े वीजा नियमों का सामना करना पड़ता है। हैनली पासपोर्ट इंडेक्स में इन देशों की स्थिति यह दिखाती है कि वैश्विक स्तर पर पासपोर्ट की ताकत न केवल कूटनीतिक संबंधों पर निर्भर करती है बल्कि देश की आंतरिक स्थिरता और वैश्विक छवि पर भी इसका असर पड़ता है। इसके विपरीत, जापान, सिंगापुर, फ्रांस और जर्मनी जैसे देशों के पासपोर्ट सबसे मजबूत माने जाते हैं क्योंकि इनके नागरिक बिना वीजा या वीजा ऑन अराइवल के आसानी से 190 से अधिक देशों में यात्रा कर सकते हैं।
भारत के पासपोर्ट रैंक में जबरदस्त सुधार
जहां एक ओर पाकिस्तान और अन्य देशों की रैंकिंग कमजोर रही, वहीं भारत के लिए इस रिपोर्ट में अच्छी खबर सामने आई है। हैनली पासपोर्ट इंडेक्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के पासपोर्ट की रैंकिंग में पिछले छह महीनों में 8 अंकों का सुधार हुआ है। साल 2024 की रिपोर्ट में भारतीय पासपोर्ट की रैंक 85वें स्थान पर थी, जो अब 77वें स्थान पर पहुंच गई है। यह सुधार भारत के मजबूत कूटनीतिक संबंधों और वैश्विक स्तर पर बढ़ती छवि का परिणाम माना जा रहा है। इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों की रैंकिंग में धीरे-धीरे गिरावट आ रही है। अमेरिका अब 10वें स्थान पर है, जबकि ब्रिटेन 6वें स्थान पर आ गया है। भारत की यह प्रगति उन भारतीय नागरिकों के लिए राहत की खबर है जो विदेश यात्रा के इच्छुक हैं, क्योंकि अब अधिक देशों में उन्हें वीजा ऑन अराइवल या ई-वीजा की सुविधा आसानी से मिल सकेगी। हैनली पासपोर्ट इंडेक्स 199 पासपोर्ट और 227 देशों के यात्रा नियमों के आधार पर यह रैंकिंग जारी करता है, जिसमें देखा जाता है कि किस पासपोर्ट पर बिना वीजा, वीजा ऑन अराइवल, ई-वीजा या यात्रा परमिट के कितने देशों में यात्रा की जा सकती है। भारत की यह स्थिति भविष्य में विदेश यात्रा को सरल बनाने और व्यापार, शिक्षा तथा रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने में सहायक होगी।